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अधूरा प्यार

बाते इतनी सुनहरी होगी की तुम इसे भुलाना पाओगे। मुलाकाते इतनी गहरी होगी कि तुम हमे छोड़ना पाओगे। तरश जाओगे हमारे दिदार को मगर चाह कर भी मिलना पाओगे। जब मुझ को तुम ठुकरा कर जाओगे। उसी रह पर मुझ को अक्सर ही पाओगे मगर हालत गंभीर होगी वही मैं रहूँगी और वही तुम भी होंगे। गर  वही समा होगी वही दिनकर भी होगा और बार-बार मिलने का सिलसिला  भी होगा। इतर ये भी होगा की रास्ता बदलेंगे हम तुम मगर मंजूरी ना होगा तुम से मिलना गवार ना होगा। सब-सब-सब-सब-सब कुछ वही होगा वही लाल-लाल-लली होगी वही कांबली होगी।  मगर इस बार वो लालम-लाल-लाली मेरे गालो से होकर मेरी माथे का सिंदूर होगा। तड़फ जाओगे हम तुम जब वो मुलाकात हमारी आखरी होगी। रात भी होगा आँखे भी होगी और उनमें ढेरो सवालो से भरी आँसुओ की बरसाते भी होगी। दूर भी होंगे पास भी होंगे इस कस्म-कस में हम तुम हर रोज मरँगे।  तरश जाओगे तुम और तुम्हारी आँखे तुम्हारा दिल भी गुहार लगाएगा।  मेरी आवाज़ सुने तक को भी तड़प जाओगे तुम और लौट कर आओगे और  तुम ही मनाओगे। तब तलक बहुत देर हो जाएगी जब तक तुम वापस को लौट कर आओगे।            -राधा माही सिंह