क्यों
क्यों सवाल उठाते है लोग? जाने क्यों खुदको चरित्रवान बताते है लोग? क्यों एक लड़का एक लड़की दोस्त नही बन सकती? क्यों किसी और के ज़िन्दगी में तक झाक करना जानते है लोग? क्यों सवाल उठाते है लोग? जाने क्या - क्या छुपाते है लोग? श्री कृष्ण को भी नही बक्शा गया। मां सीता को भी अग्नि परीक्षा देना पड़ा। हर बार स्त्री को ही क्यों घीना का पत्र बनते है लोग? एक सवाल है मेरा। क्यों हर बार लड़कियों को ही "चरित्र" से लरस्ते है लोग? क्यों किसी रिश्ते का होना आवश्यक है किसी धागे में बढ़ना जरूरी है। क्यों ये छोटी बात को नही समझ पाते है लोग ? क्यों लडको को "चरित्रहीनता" का सुध बुध नही देते है लोग? क्यों सवालों पर भी लड़का लड़की होने का भेद रखते है लोग? -राधा माही सिंह