यात्रा सरकारी बस से। धकम-धुकी जनहित में जारी। बकम-बकी हरहित में जारी। चचा लड़ेंगे अबकी बेरी! अरे बक बुड़बक "हम चुनाउआ के बात कर रहे है हो।" तुम तो मर्दे "ढकेलले" जा रहे हो। ऐ हो "आगे" चलबै। सूचना सब "लिंग"में जारी यह बस है सहकारी। धकम-धुकी जनहित में जारी सब ही है यहवा के प्रभारी। "सुनलो भैया यह बस है सहकारी।" चोरी-चपारि,घुट-घुट में जारी। हमहू है यहाँ के प्रभारी। बईठल बानी कौन हारी। सकम-सुकिम खूब चलेला,नैन मटका खूब लगेला। मेहर-मरदें खूब लड़ेला। सुना जन लोग "ई बस है सहकारी।" हमहू आज ठनले बानी निंदिया के त्यागले बानी करल जाई जगवारी। धकम-धुकी जनहित में जारी। बकम-बकी हरहित में जारी। सुनल जाई ऐसो सब के गारा-गारी। जाने ई बार केकर सरकार गिरी? केकर कोइरा के गाज खुली? बक मर्दे गिरी तो गिरी खुली तो खुली रहल जाई अंगाडी। सूचना जनहित में जारी "ई बस है सहकारी।" शब्द :---- चचा:- चाचा, चुनाउआ:- चुनाव, ढकेलले:- जबर्दस्ती, चलबै :- चलना (यह एक मेधली शब्द है), लिंग:- समूह, सहकारी:- सरकारी, यहवा:- यहाँ, प्रभारी:- प्रशासन, चोरी-च...