ना आवाज़ मिला
गम था जाम लगा खुशी थी मुस्कान लगा ना जाने हर पल हर दफा इन होठो को किसी ना किसी का साथ मिला जब बिक रही थी मैं तभी ना जाने कितनों की दाम लगा मगर मेरे होठो को ना आवाज़ मिला
-राधा माही सिंह
गम था जाम लगा खुशी थी मुस्कान लगा ना जाने हर पल हर दफा इन होठो को किसी ना किसी का साथ मिला जब बिक रही थी मैं तभी ना जाने कितनों की दाम लगा मगर मेरे होठो को ना आवाज़ मिला
-राधा माही सिंह
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