सिमट जाना हुआ।
तेरा मिलन और मेरा मिलन हुआ तेरी मुस्कुराहट देख मेरा फिसल जाना हुआ।ना जाने कितनी रात बीती और दिन हुआ मगर एक पल भी ना तुझ बिन गवारा हुआ।यही से शायद हमारी मुहब्बत का रुठ जाना हुआ। फिर क्या था तेरा गैरो की बाहों में जाना हुआ और मेरे प्यार को एक बिस्तर पर सिमट कर रह जाना हुआ।
-राधा माही सिंह
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