जो मेरा है,वो मुझे दे-दे मालिक।

जो मेरा है,वो मुझे दे-दे मालिक।
कहाँ मैं तुझ से ज्यादा मांग रही हूँ?
जो मेरा है,वो मुझको दे-दे बस इतना गुहार लगा रही हूँ।
जो मेरा है,वो मुझे दे-दे मालिक।
"तड़पती" है सासे मेरी,आँखे तरशती है।
एक दिदार के लिए ना जाने क्यों ये ज़िन्दगी चलती है?
मुकम्मल ना सही अधूरी कर दे मैं ना  सही कम से कम उसे पूरी कर दे।
मैं राहु बर्बाद मेरे मालिक मेरी मोहब्बत को आबाद कर दे।
ज्यादा नही माँगती तुझ से बस जो मेरा है,वो मेरा कर दे।
       मेरी ज़िंदगी का सफ़र अब ख़्तम कर दे।
      गर जो हुई हो ख़्ता मुझसे तो मुझको माफ़            कर दे।
हूँ चली अब सपनो से दूर कही अपनो के तलाश में।
मेरी यही इक्षा पूरी कर दे।
मैं जहॉ राहु मेरे ेेइश्क को आबाद कर दे।
ज्यादा कहाँ माँगी हूँ तुझसे मेरे मालिक जो मेरा है वो मेरे हक में कर दे।
जो मेरा है,वो मेरा कर दे।

                  -राधा माही सिंह 

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