हम सब तुम्हारे साथ है।
हम सब तुम्हारे साथ है।
यह कह कर ही तो दरवाजे से उस दरवाजे तक ले जाया जाता था।
माँ-बाप,भाई-बहन,चाचा-चाची से ले कर ईश्वर तक से पहचान कराई जाती थी।
चलते-चलते गिर जाने पर धरती माँ को भी मार खानी पड़ती थी।
ममता है इसलिए एक हाथो में मेरी बचपन तो दूसरी हाथो में घर की ज़िम्मेदारीयो उठानी पड़ती थी।
है... उम्र नही गुज़रा अभी।
मगर सीखी बहुत कुछ हूँ!
प्रेम में छिपे स्वार्थ को,अपनों के चहरों में पराए रिश्तेदार को।
ना जाने किसने कहा था?
कि...........!!!
बिता हुआ वक़्त कभी लौटता नही है।
मैं हर रोज़ घड़ियाँ देखा करती हूँ।
कल भी 12 बजा उतने ही समय पर था जितना कि बीते हुए कल में बज था।
बरहाल माज़रा यह नही था कि उस समय-समय क्या था?
माज़रा कुछ ऐसा था कि अपनो का मंजर था।
महफिलों में जामो पर जाम लगाई जा रही थी।
यारो के साथ कश लगाई गई थी।
अब ये वो वक़्त है कि ना वो अपने है और ना वो यार है।
बस अब सभी मतलब के तलबगार है।
आज खुदको उस हाल में महसूस कर रही हूँ।
जब बंद मुठ्ठी करके इस जहाँ में आई थी।
तब माँ ने मेरे माथे को चूम कर कहा था।
हम सब तुम्हारे साथ है।
Impressive ❣️ hmesa ki tarah
ReplyDeleteFab❤️
ReplyDeleteBhut khub
ReplyDeleteNice post like and comment 👍👍
ReplyDeleteOutstanding Radha 👌👌
ReplyDeleteBhaut khub..
ReplyDeleteBhut khub ... Nice
ReplyDeleteVery nice maahi, god bless you.
ReplyDeleteये दुनिया जो जीता जागता स्वप्न है,इसे देखना भी बहुत जरूरी है बिना देखे जीन्दगी अधुरी है।पर स्वप्न तो स्वप्न ही है कहाँ किसी के हाँथ लगता है।फिर वहीं जाना है जहाँ से आया है।
ReplyDeleteतुम्हारी लेखनी अच्छी है सिर्फ संवेदनाओं के सागर में गोते लगाओ बहुत मोती छिपे हैं,हमें उम्मीद है तुम जरूर सफल होगी।
शुभकामनाओं के साथ तुम्हारा
अंकल