ठीक हूँ मैं
हाँ ठीक हूँ मैं...!!
सौ बात की एक बात हूँ मैं।
हाँ ठीक हूँ मैं...!!
कुछ हुआ है क्या तुम्हे?
नहीं तो!!
ठीक हूँ मैं....!!!
तो चलो आज कही घूम आते हैं।
"जब - जेब टटोली ,मैं तो एक सिक्का मेरे जेब में मुस्कुरा रहा था, जाने कितने वर्षों से रखा था, इसका गुमान दिखा रहा था।
बस यह देख झटके से मैं बोली।
नहीं - नहीं तुम सब हो आओ।
मैं यही ठीक हूँ...!!!
खैर गौर तलब यह है, कि सबने साथ छोड़ा है मेरा, मेरी जरूरत पर, मगर अब खुदके भरोसे बैठी हूँ मैं, खुदके साया से डर कर।
हाँ..... थोड़ी बदहाली है, मगर ये सफर फिर भी जारी है।
थोड़ी सी जिद्दी हूँ मैं।
अब अगर कोई पूछले तो मैं मन मार कर कह देती हूँ।
हाँ - हाँ बिल्कुल ठीक हूँ मैं..!!!
- राधा माही सिंह
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